धर्मांतरण कानून पर लगी योगी मुहर, अब लव जिहाद हुआ जुर्म, 10 साल की होगी सजा, पढ़ें नियम-
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण पर अंकुश लगाने वाले कानून के मसौदे पर योगी कैबिनेट ने अपनी मुहर लगा दी है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में गैरकानूनी धर्मांतरण समेत 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है.

UP में अब धर्म छिपाकर शादी करना जुर्म होगा. हाई कोर्ट की ओर से आए फैसले के बाद उसमें थोड़ा बदलाव करते हुए राज्य सरकार ने एक धर्म से दूसरे धर्म में शादी करने पर नया कानून सरकार ने पास किया है. अब दूसरे धर्म में शादी करने के दो माह पहले नोटिस देना अनिवार्य हो गया है. इसके साथ ही डीएम की अनुमति भी जरूरी हो गई है.
अब इस मसौदे को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद यह प्रभावी हो जाएगा. इसी के साथ उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने लव जिहाद के खिलाफ कानून को मंजूरी दी है. UP के अलावा मध्य प्रदेश, बिहार, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में भी लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाए जाने की तैयारी चल रही है.
UP के गृह विभाग ने इसका मसौदा पहले तैयार कर लिया था. इसको परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भेज दिया गया था. प्रस्ताव के मुताबिक, गैर जमानती धाराओं में केस दर्ज होगा और दोषी पाए जाने पर 10 साल तक की सख्त सजा हो सकती है. ड्राफ्ट के मुताबिक, शादी के लिए गलत नीयत से धर्म परिवर्तन या धर्म परिवर्तन के लिए की जा रही शादियां भी धर्मांतरण कानून के तहत आएंगी.
अगर कोई किसी को धर्म परिवर्तन करने के लिए मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना देता है, तो वो भी इस नए कानून के दायरे में आएगा. धर्मांतरण के मामले में अगर माता-पिता, भाई-बहन या अन्य ब्लड रिलेशन कोई शिकायत करता है तो उनकी शिकायत पर कार्रवाई की शुरुआत की जा सकती है. दोष साबित होने पर कम से कम एक वर्ष, अधिकतम पांच साल की सजा होगी, 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगेगा.
नाबालिग महिला (लड़की) जो कि SC/ST जाति में आती है, उसका जबरन या झूठ बोलकर धर्म परिवर्तन कराने पर कानून उल्लंघन माना जाएगा. इसमें 3 वर्ष और अधिकतम 10 वर्ष की सजा हो सकती है. जिसमें जुर्माना 25 हजार होगा. वहीं सामूहिक धर्म परिवर्तन के मामले में 3 वर्ष से दस साल तक की सजा हो सकती है. जिसमें जुर्माना 50 हजार होगा.
धर्म परिवर्तन के इच्छुक को जनपद के DM को दो माह पूर्व सूचना देनी होगी. ऐसा न करने पर 6 माह से 3 वर्ष तक की सजा हो सकती है. जिसमें जुर्माने की राशि 10 हजार रहेगी. लव जिहाद जैसे मामलों में सहयोग करने वालों को भी मुख्य आरोपी बनाया जाएगा और दोषी पाए जाने पर सजा होगी.
दरअसल भारतीय संविधान ने धार्मिक स्वतंत्रता दी है, लेकिन कुछ एजेंसियां इसका गलत इस्तेमाल कर रही हैं. वे धर्म परिवर्तन के लिए लोगों को शादी, नौकरी और लाइफ स्टाइल का लालच देती हैं. इस पर रोक लगाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने ये बड़ा कदम उठाया है.