AMU से तालीम लेकर निकले लोग आज दुनिया के सैंकड़ों देशों में छाए हुए हैं, यही देश की ताकत है: PM मोदी
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय इस साल शताब्दी वर्ष समारोह मना रहा है. एएमयू के इतिहास में 56 साल बाद ऐसा मौका आया है जब प्रधानमंत्री ने विश्वविद्यालय के कार्यक्रम को संबोधित किया है.

56 साल में लाल बहादुर शास्त्री के बाद AMU में भाषण देने वाले मोदी दूसरे प्रधानमंत्री हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एएमयू के तमाम विभागों की बिल्डिंग को सजाया गया है. ये बिल्डिंग ही नहीं, इनसे शिक्षा का इतिहास जुड़ा है. हम किस मजहब में पले-बढ़े हैं, इससे बड़ी बात ये है कि कैसे हम देश की आकांक्षाओं से जुड़ें. मतभेदों के नाम पर काफी वक्त जाया हो चुका है. अब मिलकर नया आत्मनिर्भर भारत बनाना है.
उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी भारत की अमूल्य धरोहर है. यहां से तालीम लेकर निकले तमाम लोग दुनिया के सैंकड़ों देशों में छाए हुए हैं. विदेश यात्रा में मिलते हैं. एएमयू में एक मिनी भारत नजर आया है. यहां एक ओर उर्दू तो दूसरी ओर हिंदी पढ़ाई जाती है. फारसी है तो संस्कृत भी है. कुरान के साथ गीता भी पढ़ाई जाती है. यही देश की ताकत है. इसे कमजोर नहीं होने देंगे.
सर सैयद का संदेश कहता है कि हर किसी की सेवा करें, चाहे उसका धर्म या जाति कुछ भी हो. ऐसे ही देश की हर समृद्धि के लिए उसका हर स्तर पर विकास होना जरूरी है, आज हर नागरिक को बिना किसी भेदभाव के विकास का लाभ मिल रहा है. सर सैय्यद ने कहा था कि जिस प्रकार मनाव जीवन और उसके अच्छे स्वास्थ्य के लिए शरीर के हर अंग का ठीक होना जरूरी है. आज देश भी उसी गति से आगे बढ़ रहा है.
उन्होंने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति में स्टूडेंट्स की जरूरतों को ध्यान में रखा गया है. आज का युवा नई चुनौतियों का समाधान निकाल रहा है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति में युवाओं की इसी एस्पिरेशन को प्राथमिकता दी गई है. अब स्टूडेंट्स को अपना फैसला लेने की आजादी होगी. 2014 में 16 IIT थे, अब 23 हैं. 2014 में 13 IIMs थे, आज 20 हैं. 6 साल पहले तक देश में सिर्फ 7 एम्स थे, आज 22 हैं. शिक्षा सभी तक बराबरी से पहुंचे, हम इसी के लिए काम कर रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे एएमयू के एक पूर्व छात्र ने बताया कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत जब देश में 10 करोड़ से ज्यादा शौचालय बने तो इसका लाभ सबको हुआ. एक समय था जब हमारे देश में मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट 70 प्रतिशत से अधिक था. इन्हीं स्थितियों में स्वच्छ भारत मिशन शुरू हुआ. गांव गांव शौचालय बने. स्कूल जाने वाली बेटियों के लिए स्कूलों में शौचालय बने. आज मुस्लिम बेटियों का स्कूल ड्रॉप आउट रेट घटकर 30 प्रतिशत रह गया है. पिछले छह साल में सरकार द्वारा करीब एक करोड़ मुस्लिम बेटियों को छात्रवृत्ति दी गई है. महिलाओं को शिक्षित होना जरूरी है ताकि वे अपने अधिकारों के बारे में जान सकें.