भारत ने किया ब्रह्मोस मिसाइल का सफल परीक्षण, अरब सागर में लक्ष्य को किया ध्वस्त, जानें ख़ासियत
भारत की सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस ने आईएनएस चेन्नई से टेस्ट का एक और स्टेज पार कर लिया है. नौसेना ने मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अरब सागर में एक लक्ष्य पर निशाना लगाया है.

चेन्नई में इसे नेवी के स्टील्थ डेस्ट्रॉयर जहाज आईएनएस चेन्नई से फायर किया गया था. ये मिसाइल ध्वनि की रफ्तार से तीन गुना तेजी से वार कर सकती है. इसकी रफ्तार करीब 3457 किमी प्रति घंटे है. ये 400 किमी की रेंज तक निशाना लगा सकती है. परिक्षण में मिसाइल ने उच्च-स्तरीय और अत्यंत जटिल युद्धाभ्यास करने के बाद लक्ष्य को सटीकता के साथ सफलतापूर्वक लक्षित कर लिया है.
सुपरसोनिक क्रूज ब्रह्मोस मिसाइल को जमीन, जहाज और फाइटर जेट से दागा जा सकता है. ब्रह्मोस प्राइम स्ट्राइक हथियार के रूप में नेवल सर्फेस लक्ष्यों को लंबी दूरी तक निशाना बनाकर युद्धपोतों की अजेयता सुनिश्चित करेगा. ब्रह्मोस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम के तहत विकसित किया गया है. ब्रह्मोस का नाम दो नदियों के नाम से लिया गया है, इसमें भारत की ब्रह्मपुत्र नदी का ‘ब्रह्म’ और रूस की मोस्क्वा नदी से ‘मोस’ लिया गया है.
डीआरडीओ ने जानकारी देते हुए बताया कि ब्रह्मोस एक प्राइम स्ट्राइक वेपन है. इससे हमारे जंगी जहाजों को लंबी दूरी तक सतह से सतह पर वार करने में मदद मिलेगी. शुरुआत में इसकी रेंज 290 किलोमीटर थी, हालांकि इसकी क्षमता को बढ़ाकर 400 किलोमीटर से ज्यादा किया गया है. दो हफ्ते पहले भी ओडिशा के चांदीपुरा स्थित इंटिग्रेटेड टेस्ट रेंज में इसे टेस्ट किया गया था. वहां भी इस मिसाइल ने परीक्षण के सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पूरा किया था.
ये परीक्षण ऐसे समय पर हो रहा है, जब भारत और चीन सीमा विवाद में उलझे हुए हैं. और बतादें कि भारत ने पहले ही लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में चीन के साथ लगने वाली सीमा पर कई रणनीतिक स्थानों पर ब्रह्मोस मिसाइलों और अन्य प्रमुख हथियारों को बड़ी संख्या में तैनात किया हुआ है. ये मिसाइल भारतीय वायुसेना को दिन या रात और सभी मौसम की स्थिति में किसी भी लक्ष्य पर पिनपॉइंट सटीकता के साथ लंबी दूरी से हमला करने की क्षमता रखती है.