‘दिल्ली मॉडल’ के सहारे UP में विधानसभा चुनाव लड़ेंगे अरविंद केजरीवाल
आम आदमी पार्टी ने यूपी में 2022 में विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा की है और केजरीवाल ने योगी सरकार पर उत्तर प्रदेश को विकास की दौड़ में पीछे ले जाने पर आरोप लगाए हैं.

2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में अब डेढ़ साल से भी कम का समय बचा है. इस वजह से सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने सक्रियता बढ़ा दी है. अरविंद केजरीवाल ने भी कहा है कि AAP वर्ष 2022 में होने वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2020 में हाथ आजमाएगी. यानी 403 विधानसभा सीटों वाले यूपी में AAP भी एंट्री करने जा रही है.
केजरीवाल ने कहा, ‘यूपी के लोग दिल्ली क्यों आ रहे हैं? ऐसा इसलिए क्योंकि वहां सुविधाएं नहीं हैं. अगर दिल्ली में सुविधाएं तैयार की जा सकती है तो UP में ऐसा क्यों नहीं हो सकता. UP ने अब तक गंदी राजनीति देखी है. ऐसे में अब उसे नया मौका मिलना चाहिए.
दरअसल दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में केजरीवाल के जीत की बड़ी वजह मुफ्त बिजली और पानी की स्कीम भी है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली की योजना को लागू किया है. वहीं ये भी कहा है कि घरेलू बिजली के उपभोक्ताओं के लिए 400 यूनिट तक के उपभोग पर मिलने वाली सब्सिडी भी मिलती रहेगी. ये स्कीम जारी है. यूपी विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल इस योजना को आगे करके चुनाव मैदान में उतरेंगे, क्योंकि यही स्कीम जीत में ट्रंप कार्ड साबित हो सकती है.
उधर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने तंज कसते हुए कहा है कि एक मुहावरा है मुंगेरीलाल के हसीन सपने जो कि 2022 में बदलकर केजरीवाल के हसीन सपने हो जाएगा. लोकतंत्र में सभी को चुनाव लड़ने का हक है लेकिन पहले तो वो दिल्ली संभालें जो कि उनसे संभल नहीं रहा है. वो दिल्ली में लगातार बढ़ते कोविड केस नहीं संभाल सके हैं. अभी दिल्ली हाइकोर्ट ने ही उनसे सवाल किया था कि जब कोरोना के मामले बढ़ रहे थे तो आप क्या कर रहे थे? जबकि यूपी में अब तक दो करोड़ कोरोना टेस्ट हो चुके हैं.